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Bihar Board Intermediate Subject
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Bihar Board Intermediate Subject Question : बिहार बोर्ड हिंदी लघु उत्तरीय महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर।

Bihar Board Intermediate Subject Question : 

लघु उत्तरीय प्रश्न

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1. वायुपरागित पुष्पों के अनुकूलने बताइए।

उत्तर : सामान्यतः एकलिंगी पौधों जैसे- नारियल खजूर, मक्का आदि में वायु द्वारा परागण होता है। इसमें पराग कण बड़ी संख्या में सूक्ष्म सपाट व शुष्क होते हैं। इसीलिए वायु के साथ बहुत दूरी तक चले जाते हैं।

2. मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए मटर का चयन क्यों किया ?

उत्तर : मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधों को चुना क्योंकि यह वार्षिक होते हैं, इसमें कई विपरीत लक्षण पाये जाते है तथा इनका देखभाल करना आसान होता है।

3. वृषण और अंडाशय प्रत्येक के दो मुख्य कार्य दें।

उत्तर : वृषण के कार्य- (

a) यह शुक्राणु का निर्माण करता है।

(b) यह नर-जनन हॉर्मोन का

स्राव करता है।

अंडाशय मुख्य कार्य- (a) यह अंडाणु का निर्माण करता है।

(b) यह मादा जनन हॉर्मोन का

स्राव करता है।

4. हीमोफिलिया को ब्लीडर्स रोग क्यों कहते हैं?

उत्तर : हीमोफिलिया एक आनुवांशिक रोग है जिसमें शरीर में जख्म हो जाने रक्त स्राव लगातार होने लगता है यानि रक्त का थक्का नहीं जमता इसीलिए इसे ब्लीडर्स रोग कहते हैं।

5. रेस्ट्रीक्शन एन्डोन्यूक्लिएज क्या हैं?

उत्तर : यह एक एंजाइम है जो D.N.A को विशिष्ट स्थान पर काटने का काम करता है। वर्तमान समय में 900 से अधिक ऐसे एंजाइमों की जानकारी हुई है।

6. डी०एन०ए० फिंगर अभिलेख के दो उपयोग लिखें।

उत्तर : (a) अपराध विज्ञान के क्षेत्र में अपराधियों का पता लगाने में। (b) खोये माता-पिता या संतान का पता लगाने में।

7. ऊतक संवर्धन की परिभाषा दें।

उत्तर : जब किसी ऊतक को माध्यम में रखकर उसकी वृद्धि करायी जाए तो वह पूरे अंग का जीव का रूप ले लेता है इस प्रक्रिया को ऊतक संवर्धन कहते हैं।

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8. जाती रहती है और सोचने की शक्ति भी नहीं रहती। (v) प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है जिमसे रक्तस्राव हो सकता है। (vi) गंभीर मामलों में लसीका ग्रंथियाँ सूज जाती है तथा बुखार होता है और वजन गिर जाता है।

उपचार – HIV के संक्रमण के प्रति अभी तक कोई औषधि अथवा वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। अतः निम्नलिखित उपायों के द्वारा सावधानी बरतनी चाहिए (i) HIV संक्रमण से युक्त व्यक्ति के साथ कोई भी यौन सम्पर्क नहीं होना चाहिए। (ii) डिस्पोजेबल सुइयों का उपयोग किया जाना चाहिए। (iii) जरूरतमंद व्यक्ति के लिए चढ़ाया जानेवाला रक्त HIV रोगाणु से मुक्त होना चाहिए। (iv) कंडोम का प्रयोग करना चाहिए। (vi) सरकारी अस्पतालों में की दवा मुफ्त दी जाती है उसका निरंतर सेवनकर एड्स का एलिसा (ELISA) परीक्षण से पता लगाया जा सकता है।

9. टीकाकरण एवं प्रतिरक्षीकरण पर टिप्पणी दें।

उत्तर: प्रतिरक्षीकरण या टीकाकरण का सिद्धांत प्रतिरक्षा तंत्र की स्मृत्ति के गुण पर आधारित है। टीकाकरण में रोगजनक या निष्क्रियता/दुर्बलीकृत रोगजनक, (टीका) की प्रतिजनी प्रोटीनों को निर्मित शरीर में प्रवेश कराई जाती है। इन प्रतिजनों के विरुद्ध शरीर में उत्पन्न प्रतिरक्षियों वास्तविक संक्रमण के दौरान रोगजनी कारकों को निष्प्रभावी बना देती है।

टीका स्मृति-बी और टी-कोशिकाएँ भी बनाते हैं जो परिवर्ती प्रभावन (सब्सीक्वेंट एक्सपोजर) होने पर रोगजनक को जल्दी से पहचान लेती है और प्रतिरक्षियों के भारी उत्पादन से हमलावर को हरा देती हैं। अगर व्यक्ति किन्हीं ऐसे घातक रोगाणुओं से संक्रमित होता है जिसके लिए फौरन प्रतिरक्षियों की आवश्यकता है, जैसा कि टिटनेस में, तो प्रभावकारी निष्पादित प्रतिरक्षियों या प्रतिआविष को टीके के रूप में सीधे ही दिए जाने की जरूरत है। सौंप के काटे जाने के मामलों में भी रोगी को जो सुई लगाई जाती है उसमें सर्प विष (वेनम) के विरुद्ध निष्पादित प्रतिरक्षी होते हैं। इस प्रकार का प्रतिरक्षीकरण निष्क्रिय प्रतिरक्षीकरण कहलाता है।

10. जैवप्रौद्योगिकी के औद्योगिक उपयोग पर प्रकाश डालें।

उत्तर: जीव-जन्तुओं एवं उनके उत्पादों के व्यापारिक प्रयोगों का अध्ययन जैवप्रौद्योगिक के अंतर्गत किया जाता है। इस प्रौद्योगिकी के द्वारा विभिन्न प्रकार के उत्पाद उद्योगों के द्वारा बनाए जाते हैं। जैसे (1) एण्टीबायोटिक्स औषधि, (2) विभिन्न प्रकार के टीके, (3) शराब उद्योग, (4) चमड़ा उद्योग, (5) तम्बाकू उद्योग, (6) सिरका उद्योग, (7) दुग्ध उद्योग, (8) मांस उद्योग. (9) मत्स्य उद्योग, (10) सिल्क उद्योग आदि।

जैव प्रौद्योगिकी के द्वारा कई विटामिनों का निर्माण भी किया जाता है जैसे बी कॉम्लेक्स। इस विधि द्वारा इन्सुलिन नामक हॉर्मोन का उत्पादन किया जाता है। जैव प्रौद्योगिकी के द्वारा विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ बनाए आते हैं। किण्वन विधि का प्रयोग कर बायोगैस का निर्माण कराया जाता है। जैव कीटनाशी, जैव-उर्वरक कृषि क्षेत्र में प्रयुक्त होते हैं। जैव प्रौद्योगिकी का क्षेत्र व्यापक होता जा रहा है। आनेवाले समय

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